5 Simple Techniques For hindi story
5 Simple Techniques For hindi story
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गांव के लोग भी बिना डरे उस वृक्ष के नीचे जाने लगे।
विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।
आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फ़ुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्ख़ी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की भीष्म साहनी
'उसने कहा था' हिंदी की ऐसी कालजयी कहानी है जिसकी प्रासंगिकता और सार्वकालिकता इसके कथानक पर ही नहीं, इसकी भाषिक संरचनात्मक विशिष्टता पर भी आधारित है.
भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा,लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती
एक दिन चुनमुन ने बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा।
वेद गर्मी की छुट्टी में अपनी नानी के घर जाता है। वहां वेद को खूब मजा आता है , क्योंकि नानी के आम का बगीचा है। वहां वेद ढेर सारे आम खाता है और खेलता है। उसके पांच दोस्त भी हैं, पर उन्हें बेद आम नहीं खिलाता है।
सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार-मार कर रोक रही थी।
विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा।
विशाल रोता-रोता वापस तालाब में गया और कवच को पहन लिया। कम से कम कवच से जान तो बचती है।
नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।
लोग पटरियों पर कूड़ा फेंक देते और दीवार के सामने पेशाब भी करते थे, जिसके कारण वहां काफी बदबू आती थी। मुकेश click here को यह सब अच्छा नहीं लगता था।
एक दिन राजा के नौकर ने ब्राह्मण से बक्शीश मांगी। ब्राह्मण कोई जवाब दिए बिना वहां से चला गया। नौकर ने ब्राह्मण को सबक सिखाने की ठानी। अगले दिन नौकर ने ब्राह्मण से कहा की राजा तुम से नाराज हैं क्योंकि उन्हें तुम्हारे मुँह से दुर्गन्ध आती है। ब्राह्मण घबरा गया और अगली बार राजा से मिलने अपने नाक मुँह पर कपड़ा रख कर गया।
एक दिन की बात है, दोनों खेल में लड़ते-झगड़ते दौड़ रहे थे।